दृश् (पश्य) धातु के रूप | Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit

Dheeraj Pandit

दृश् (पश्य) धातु के रूप | Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit | Drish (Pashy) Dhatu

यह एक भ्वादीगणीय धातु है। संस्कृत में सभी धातुओं को दस गणों मे बाँटा गया है। यह प्रथम गण की धातु है।  इस गण की सभी धातुओं के रूप इसी धातु की तरह चलते है।   यहाँ  हम आर्टिकल  ‘Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit’ पर प्रकाश डालेंगे।  इस आर्टिकल में पाँच लकारों में दृश् (पश्य)धातु के रूप दिये गये है।

दृश् (पश्य) धातु का हिन्दी में अर्थ

इस धातु का हिन्दी में अर्थ देखना (To see) होता है।

लट् लकार में दृश् (पश्य) धातु  के रूप ( Lat Lakar Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit)

लट लकार को हिन्दी मे वर्तमान काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे दृश् (पश्य) धातु के रूप निम्न है-

एकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषपश्यतिपश्यतःपश्यन्ति
मध्यम पुरूषपश्यसिपश्यथःपश्यथ
उत्तम पुरूषपश्यामिपश्यावःपश्यामः

दृश् (पश्य) धातु के लट् लकार में वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्यहिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः पश्यति।
  2. तौ पश्यतः।
  3. ते पश्यन्ति।
  4. त्वं पश्यसि।
  5. युवां पश्यथः।
  6. युयं पश्यथ।
  7. अहं पश्यामि।
  8. आवां पश्यावः।
  9. वयं पश्याम।
  10. सा पश्यति।
  11. ते पश्यतः।
  12. ता पश्यन्ति।
  1. वह देखता है।
  2. वे दोनों देखते है।
  3. वे सब देखते है।
  4. तुम देखते है।
  5. तुम दोनोंं देखते है।
  6. तुम सब देखते है।
  7. मै देखता हूँ।
  8. हम दोनों देखते हैं।
  9. हम सब देखते हैं।
  10. वह देखती है।
  11. वे दोनों देखती है।
  12. वे सब देखती है।

लृट लकार मे दृश् (पश्य) धातु के रूप (Lrit Lakar Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit)

लृट लकार को हिन्दी मे भविष्यत् काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे दृश् (पश्य) धातु के रूप निम्न है-

एकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषद्रक्ष्यतिद्रक्ष्यत:द्रक्ष्यन्ति
मध्यम पूरूषद्रक्ष्यसिद्रक्ष्यथ:द्रक्ष्यथ
उत्तम पुरूषद्रक्ष्यामिद्रक्ष्याव:द्रक्ष्याम:

दृश् (पश्य) धातु के लृट लकार में वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्यहिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः द्रक्ष्यति।
  2. तौ द्रक्ष्यत:।
  3. ते द्रक्ष्यन्ति।
  4. त्वं द्रक्ष्यसि।
  5. युवां द्रक्ष्यथ:।
  6. युयं द्रक्ष्यथ।
  7. अहं द्रक्ष्यामि।
  8. आवां द्रक्ष्याव:।
  9. वयं द्रक्ष्याम:।
  10. सा द्रक्ष्यति।
  11. ते द्रक्ष्यत:।
  12. ता द्रक्ष्यन्ति।
  1. वह देखेगा।
  2. वें दोनो देखेंगे।
  3. वे सब देखेंगे।
  4. तुम देखोगे।
  5. तुम दोनों देखेंगे।
  6. तुम सब देखेंगे।
  7. मै देखूँगा।
  8. हम दोनों देखेंगे।
  9. हम सब देखेंगे।
  10. वह देखेगी।
  11. वे दोनों देखेंगी।
  12. वे सब देखेंगी।

लड़ लकार मे दृश् (पश्य)धातु  के रूप ( Lang Lakar Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit)

लड़ लकार को हिन्दी मे भूत काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे  दृश् (पश्य) धातु के रूप निम्न है-

एकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषअपश्यतअपश्यतामअपश्यन
मध्यम पुरूषअपश्यःअपश्यतम्अपश्यत्
उत्तम पुरूषअपश्याम्अपश्यावअपश्याम्

दृश् (पश्य)धातु के लड़ लकार मे वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्यहिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः अपश्यत्।
  2. तौ अपश्यताम्।
  3. ते अपश्यन्।
  4. त्वं अपश्यः।
  5. युवां अपश्यतम्।
  6. युयं अपश्यत्।
  7. अहं अपश्याम्।
  8. आवां अपश्याव।
  9. वयं अपश्याम्।
  10. सा अपश्यत्।
  11. ते अपश्यताम्।
  12. ता अपश्यन्।
  1. उसने देखा।
  2. उन दोनों ने देखा।
  3. उन सब ने देखा।
  4. तुमने देखा।
  5. तुम दोनों ने देखा।
  6. तुम सब ने देखा।
  7. मैने देखा।
  8. हम दोनों ने देखा।
  9. हम सब ने देखा।
  10. उसने देखा।
  11. उन दोनों ने देखा।
  12. उन सब ने देखा।

लोट लकार मे दृश् (पश्य) धातु  के रूप ( Lot Lakar Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit)

लोट लकार को हिन्दी मे आज्ञावाचक के रूप मे जाना जाता है। यह आज्ञा लेने और देने, प्रार्थना, अनुमति, आशिर्वाद आदि से सम्बन्धित है। इसमे दृश् (पश्य) धातु के रूप निम्न है-

एकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषपश्यतुपश्यताम्पश्यन्तु
मध्यम पुरूषपश्यपश्यतम्पश्यत
उत्तम पुरूषपश्यानिपश्यावपश्याम

दृश् (पश्य) धातु के लोट लकार मे वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्यहिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः पश्यतु।
  2. तौ पश्यताम्।
  3. ते पश्यन्तु।
  4. त्वं पश्य।
  5. युवां पश्यतम्।
  6. युयं पश्यत।
  7. अहं पश्यानि।
  8. आवां पश्याव।
  9. वयं पश्याम।
  10. सा पश्यतु।
  11. ते पश्यताम्।
  12. ता पश्यन्तु।
  1. वह देखे।
  2. वें दोनों देखें।
  3. वे सब देखें।
  4. तुम देखो।
  5. तुम दोनों देखों।
  6. तुम सब देखों।
  7. मै देखू।
  8. हम दोनो देखें।
  9. हम सब देखें।
  10. वह देखे।
  11. वे दोनों देखें।
  12. वे सब देखें।

विधिलिंङ लकार मे दृश् (पश्य) धातु  के रूप (Vidhiling Lakar Drish (Pashy) Dhatu Roop in Sanskrit)

विधिलिंङ लकार चाहिए के अर्थ मे प्रयोग होता है। इसमे दृश् (पश्य) धातु के रूप निम्न है-

एकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषपश्येतपश्येताम्पश्येयु:
मध्यम पुरूषपश्ये:पश्येतम्पश्येत
उत्तम पुरूषपश्येयम्पश्येवपश्येम

दृश् (पश्य) के विधिलिङ लकार मे वाक्य और उदाहरण-

संस्कृत में वाक्यहिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः पश्येत।
  2. तौ पश्येताम्।
  3. ते पश्येयु:।
  4. त्वं पश्ये:।
  5. युवां पश्येतम्।
  6. वयं पश्ये।
  7. अहं पश्येयम्।
  8. आवां पश्येव।
  9. वयं पश्येम।
  10. सा पश्येत।
  11. ते पश्येताम्।
  12. ता पश्येयु:।
  1. उसे देखना चाहिए।
  2. उन दोनों को देखना चाहिए।
  3. उन सब को देखना चाहिए।
  4. तुम्हे देखना चाहिए।
  5. तुम दोनों को देखना चाहिए।
  6. तुम सब को देखना चाहिए।
  7. मुझे देखना चाहिए।
  8. हम दोनों को देखना चाहिए।
  9. हम सब को देखना चाहिए।
  10. उसे  देखना चाहिए।
  11. उन दोनों को देखना चाहिए।
  12. उन सब को देखना चाहिए।

अवश्य पढ़े-

 

 

 

 

Share This Article
Leave a Comment