अस् धातु के रूप | As Dhatu Roop In Sanskrit

यह धातु अदादिगणीय धातु है। इस गण की सभी धातुओं के रूप इसी धातु की तरह चलते है। संस्कृत में सभी धातुओं को दस गणों मे बाँटा गया है। यह द्वितीय गण की धातु है। प्रत्येक गण की धातुओं के रूप प्राय: एक प्रकार से ही चलते है। इस आर्टिकल में हम पाँच लकारों मे अस् धातु के रूप (As Dhatu Roop in Sanskrit) का अध्ययन करेंगे।

इस धातु का हिन्दी में अर्थ (Meaning of As Dhatu in Hindi)

इस धातु का हिन्दी में अर्थ होना  (To be) होता है।

लट् लकार में अस् धातु  के रूप ( Lat Lakar As Dhatu roop)

लट लकार को हिन्दी में वर्तमान काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे इस धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष अस्ति स्तः अन्ति
मध्यम पुरूष असि स्थः स्थ
उत्तम पुरूष अस्मि स्वः स्मः

इस धातु के लट् लकार में वाक्य और उदाहरण

 

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः इदानीं स्वस्थम् अस्ति।
  2. तौ इदानीं स्वस्थे स्तः।
  3. ते इदानीं स्वस्थानि अन्ति।
  4. त्वम् इदानीं स्वस्थम् असि।
  5. युवां इदानीं स्वस्थे स्थः।
  6. युयं  इदानीं स्वस्थानि स्थ।
  7. अहं सावधानः अस्मि।
  8. आवां सावधानौ स्वः।
  9. वयं सावधानाः स्मः।
  10. सीता सुन्दरः अस्ति।
  11. ते सुन्दरौ स्तः।
  12. ता सुन्दराः अन्ति।
  1. वह अब स्वस्थ है।
  2. वे दोनों अब स्वस्थ है।
  3. वे सब अब स्वस्थ है।
  4. तुम अब स्वस्थ हो।
  5. तुम दोनों अब स्वस्थ हों।
  6. तुम सब अब स्वस्थ हों।
  7. मै सावधान हूँ।
  8. हम दोनों सावधान हैं।
  9. हम सब सावधान हैं।
  10. सीता सुन्दर है।
  11. वे दोनों सुन्दर है।
  12. वे सब सुन्दर है।

लृट लकार में अस् धातु के रूप

लृट लकार को हिन्दी मे भविष्यत् काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे इस धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष भविष्यति भविष्यत: भविष्यन्ति
मध्यम पूरूष भविष्यसि भविष्यथ: भविष्यथ
उत्तम पुरूष भविष्यामि भविष्याव: भविष्याम:

अस् धातु के लृट लकार में वाक्य और उदाहरण

 

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः  स्वस्थम्  भविष्यति।
  2. तौ स्वस्थे भविष्यत:।
  3. ते स्वस्थानि भविष्यन्ति।
  4. त्वं स्वस्थम् भविष्यसि।
  5. युवां स्वस्थे भविष्यथ:।
  6. युयं स्वस्थे  खादिष्यथ।
  7. अहं सावधानः भविष्यामि।
  8. आवां सावधानौ  भविष्याव:।
  9. वयं सावधानाः भविष्याम:।
  10. सीता सुन्दरः भविष्यति।
  11. ते सुन्दरौ  भविष्यत:।
  12. ता सुन्दराः भविष्यन्ति।
  1. वह स्वस्थ होगा।
  2. वें दोनों स्वस्थ होंगे।
  3. वे सब स्वस्थ होंगे।
  4. तुम स्वस्थ होंगे।
  5. तुम दोनों स्वस्थ होंगे।
  6. तुम सब स्वस्थ होंगे।
  7. मै सावधान होउंगा।
  8. हम दोनों सावधान होंगे।
  9. हम सब सावधान होंगे।
  10. वह सुन्दर होगी।
  11. वे दोनों सुन्दर होगीं।
  12. वे सब सुन्दर होगीं।

लड़ लकार मे अस् धातु  के रूप ( Lang Lakar me As Dhatu Roop)

 

लड़ लकार को हिन्दी मे भूत काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे अस् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष आसीत् आस्ताम् आसन्
मध्यम पुरूष आसीः आस्तम् आस्त
उत्तम पुरूष आसम् आस्व आस्म

इस धातु के लड़ लकार में वाक्य और उदाहरण

 

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः स्वस्थम् आसीत्।
  2. तौ स्वस्थे आस्ताम्।
  3. ते स्वस्थानि आसन्।
  4. त्वं स्वस्थम्  आसीः ।
  5. युवां स्वस्थम् आस्तम्।
  6. युयं स्वस्थम् आस्त।
  7. अहं सावधानः  आसम्।
  8. आवां सावधानौ आस्व।
  9. वयं सावधानाः आस्म।
  10. सीता सुन्दरः आसीत्।
  11. ते सुन्दरौ आस्ताम्।
  12. ता सुन्दराः आसन्।
  1. वह स्वस्थ था।
  2. वे दोनों स्वस्थ थे।
  3. वे सब स्वस्थ थे।
  4. तुम स्वस्थ थे।
  5. तुम दोनों स्वस्थ थे।
  6. तुम सब स्वस्थ थे।
  7. मै सावधान था।
  8. हम दोनों सावधान थे।
  9. हम सब सावधान थे।
  10. सीता सुन्दर थी।
  11. वें दोनों सुन्दर थी।
  12. वें सब सुन्दर थी।

लोट लकार मे अस् धातु  के रूप ( Lot Lakar me As Dhatu Roop)

 

लोट लकार को हिन्दी मे आज्ञावाचक के रूप मे जाना जाता है। यह आज्ञा लेने और देने, प्रार्थना, अनुमति, आशिर्वाद आदि से सम्बन्धित है। इसमे इस धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष अस्तु स्ताम् सन्तु
मध्यम पुरूष एधि स्तम् स्त
उत्तम पुरूष असानि असाव असाम

इस धातु के लोट लकार मे वाक्य और उदाहरण

 

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः स्वस्थम् अस्तु।
  2. तौ स्वस्थे स्ताम्।
  3. ते स्वस्थानि  सन्तु।
  4. त्वं स्वस्थम्  एधि।
  5. युवां स्वस्थे  स्तम्।
  6. युयं स्वस्थानि स्त।
  7. अहं सावधानः असानि।
  8. आवां सावधानौ असाव।
  9. वयं सावधानाः असाम।
  10. सीता सुन्दरः भवतु।
  11. ते सुन्दरौ स्ताम्।
  12. ता सुन्दराः  सन्तु।
  1. वह स्वस्थ हो जाए।
  2. वें दोनों स्वस्थ हो जाए।
  3. वे सब स्वस्थ हो जाए।
  4. तुम स्वस्थ हो जाओं।
  5. तुम दोनों स्वस्थ हो जाओं।
  6. तुम सब स्वस्थ हो जाओं।
  7. मै सावधान होउ।
  8. हम दोनों सावधान हो जाए।
  9. हम सब सावधान हो जाए।
  10. सीता सुन्दर हो जाए।
  11. वे दोनों सुन्दर हो जाए।
  12. वे सब सुन्दर हो जाए।

विधिलिंङ लकार में अस् धातु  के रूप (Vidhiling Lakar me As Dhatu Roop)

 

विधिलिंङ लकार चाहिए के अर्थ मे प्रयोग होता है। इसमे इस धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष स्यात् स्याताम् स्यु:
मध्यम पुरूष स्याः स्यातम् स्यात
उत्तम पुरूष स्याम् स्याव स्याम

इस धातु के विधिलिङ लकार मे वाक्य और उदाहरण-

 

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः स्वस्थम्  स्यात्।
  2. तौ स्वस्थे  स्याताम्।
  3. ते स्वस्थानि स्यु:।
  4. त्वं स्वस्थम्  स्याः।
  5. युवां स्वस्थे स्यातम्।
  6. युयं स्वस्थानि स्यात।
  7. अहं सावधानः स्याम्।
  8. आवां सावधानौ स्याव।
  9. वयं सावधानाः स्याम।
  10. सीता सुन्दरः स्यात्।
  11. ते सुन्दरौ स्याताम्।
  12. ता सुन्दराः स्यु:।
  1. उसे स्वस्थ होना चाहिए।
  2. उन दोनों को स्वस्थ होना चाहिए।
  3. उन सब को स्वस्थ होना चाहिए।
  4. तुम्हे स्वस्थ होना चाहिए।
  5. तुम दोनों को स्वस्थ होना चाहिए।
  6. तुम सब को स्वस्थ होना चाहिए।
  7. मुझे सावधान होना चाहिए।
  8. हम दोनों को सावधान होना चाहिए।
  9. हम सब को सावधान होना चाहिए।
  10. सीता को सुन्दर होना चाहिए।
  11. उन दोनों को सुन्दर होना चाहिए।
  12. उन सब को सुन्दर होना चाहिए।

 

अवश्य पढ़े-

 

 

Leave a Comment