Dhatu roop yaad karane ki short trick

Dhatu roop yaad karane ki short trick – संस्कृत में धातु रूप लिखने की निश्चित विधि होती है। एक ही गण की सभी परस्मै-पदी धातुओंं के रूप एक तरह के होते है। कुछ निश्चित प्रत्ययों को जोड़कर सभी धातुओं के रूप बनाये जाते है। इन्ही प्रत्ययों की जानकारी इस आर्टिकल में दी गयी है।

1.लट् लकार धातु रूप (वर्तमान काल, Present Tense)

निम्नलिखित प्रत्ययों को जोड़कर लट् लकार की धातुओं के रूप बनाये जाते है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष ति त: अन्ति
मध्यम पुरूष सि थ:
उत्तम पुरूष आमि आव: आम:

2.लृट् लकार धातु रूप (भविष्यत् काल, Future Tense)

निम्नलिखित प्रत्ययों को जोड़कर लृट् लकार की धातुओं के रूप बनाये जाते है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष इष्यति इष्यत: इष्यन्ति
मध्यम पूरूष इष्यसि इष्यथ: इष्यथ
उत्तम पुरूष इष्यामि इष्याव: इष्याम:

3.लङ लकार धातु रूप (भूतकाल, Past Tense)

निम्नलिखित प्रत्ययों को जोड़कर लङ लकार की धातुओं के रूप बनाये जाते है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष अ……त् अ……ताम् अ…….न्
मध्यम पुरूष अ………: अ……..तम् अ………त
उत्तम पुरूष अ………म् अ……..आव अ…….आम

4.लोट् लकार धातु रूप (आज्ञावाचक, Imperative Tense)

निम्नलिखित प्रत्ययों को जोड़कर लोट् लकार की धातुओं के रूप बनाये जाते-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष तु ताम् अन्तु
मध्यम पुरूष तम्
उत्तम पुरूष आनि आव आम

5.विधिलिङ लकार धातु रूप (चाहिए के अर्थ में)

निम्नलिखित प्रत्ययों को जोड़कर विधिलिङ लकार की धातुओं के रूप बनाये जाते है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष एत एताम् एयु
मध्यम पुरूष ए: एतम् एत
उत्तम पुरूष एयम एव एम

मै आशा करता हूँ कि आपको  Dhatu roop yaad karane ki short trick अच्छी लगी होगी। धन्यवाद।

इन्हें भी पढ़े-

 

 

 

Leave a Comment