नृत् धातु के रूप | Nart Dhatu Roop in Sanskrit

नृत् धातु के रूप | Nart Dhatu Roop in Sanskrit | Nart Dhatu

यह एक दिवादिगणीय परस्मैपदी धातु है। संस्कृत में सभी धातुओं को दस गणों मे बाँटा गया है। यह चतुर्थ गण की धातु है।  इस गण की सभी धातुओं के रूप इसी धातु की तरह चलते है।  यहाँ  हम आर्टिकल  ‘Nart Dhatu Roop in Sanskrit’ पर प्रकाश डालेंगे।  इस आर्टिकल में पाँच लकारों में नृत् धातु के रूप दिये गये है।

नृत् धातु का हिन्दी में अर्थ

इस धातु का हिन्दी में अर्थ नाचना (To Dance) होता है।

लट् लकार मे नृत् धातु  के रूप ( Lat Lakar Nart Dhatu Roop in Sanskrit)

लट् लकार को हिन्दी मे वर्तमान काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे नृत् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष नृत्यति नृत्यतः नृत्यन्ति
मध्यम पुरूष नृत्यसि नृत्यथः नृत्यथ
उत्तम पुरूष नृत्यामि नृत्यावः नृत्यामः

नृत् धातु के लट् लकार में वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः नृत्यति।
  2. तौ नृत्यतः।
  3. ते नृत्यन्ति।
  4. त्वं नृत्यसि।
  5. युवां नृत्यथः।
  6. युयं नृत्यथ।
  7. अहं नृत्यामि।
  8. आवां नृत्यावः।
  9. वयं नृत्याम।
  10. सा नृत्यति।
  11. ते नृत्यतः।
  12. ता नृत्यन्ति।
  1. वह नाचता है।
  2. वे दोनों नाचते है।
  3. वे सब नाचते है।
  4. तुम नाचते है।
  5. तुम दोनोंं नाचते है।
  6. तुम सब नाचते है।
  7. मै नाचता हूँ।
  8. हम दोनों नाचते हैं।
  9. हम सब नाचते हैं।
  10. वह नाचती है।
  11. वे दोनों नाचती है।
  12. वे सब नाचती है।

लृट लकार में नृत् धातु के रूप (Lrit Lakar Nart Dhatu Roop in Sanskrit)

लृट लकार को हिन्दी मे भविष्यत् काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे नृत् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष नर्तिष्यति नर्तिष्यत: नर्तिष्यन्ति
मध्यम पूरूष नर्तिष्यसि नर्तिष्यथ: नर्तिष्यथ
उत्तम पुरूष नर्तिष्यामि नर्तिष्याव: नर्तिष्याम:

नृत् धातु के लृट लकार में वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः नर्तिष्यति।
  2. तौ नर्तिष्यत:।
  3. ते नर्तिष्यन्ति।
  4. त्वं नर्तिष्यसि।
  5. युवां नर्तिष्यथ:।
  6. युयं नर्तिष्यथ।
  7. अहं नर्तिष्यामि।
  8. आवां नर्तिष्याव:।
  9. वयं नर्तिष्याम:।
  10. सा नर्तिष्यति।
  11. ते नर्तिष्यत:।
  12. ता नर्तिष्यन्ति।
  1. वह नाचेगा।
  2. वें दोनो नाचेंगे।
  3. वे सब नाचेंगे।
  4. तुम नाचोगे।
  5. तुम दोनों नाचोंगे।
  6. तुम सब नाचोंगे।
  7. मै नाचूँगा।
  8. हम दोनों नाचेंगे।
  9. हम सब नाचेंगे।
  10. वह नाचेगी।
  11. वे दोनों नाचेंगी।
  12. वे सब नाचेंगी।

लड़ लकार में नृत् धातु  के रूप ( Lang Lakar Nart Dhatu Roop in Sanskrit)

लड़ लकार को हिन्दी मे भूत काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे  वे सब नृत् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष अनृत्यत् अनृत्यताम् अनृत्यन्
मध्यम पुरूष अनृत्यः अनृत्यतम् अनृत्यत
उत्तम पुरूष अनृत्याम् अनृत्याव अनृत्याम

नृत् धातु के लड़ लकार मे वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः अनृत्यत्।
  2. तौ अनृत्यताम्।
  3. ते अनृत्यन्।
  4. त्वं अनृत्यः।
  5. युवां अनृत्यतम्।
  6. युयं अनृत्यत।
  7. अहं अनृत्याम्।
  8. आवां अनृत्याव।
  9. वयं अनृत्याम।
  10. सा अनृत्यत्।
  11. ते अनृत्यताम्।
  12. ता अनृत्यन्।
  1. वह नाचा था।
  2. वे दोनों नाचे थे।
  3. वे सब नाचे थे।
  4. तुम नाचे थे।
  5. तुम दोनों नाचे थे।
  6. तुम सब नाचे थे।
  7. मै नाचा था।
  8. हम दोनों नाचे थे।
  9. हम सब नाचे थे।
  10. वह नाची थी।
  11. वे दोनों नाची थी।
  12. वे सब नाची थी।

लोट लकार में नृत् धातु  के रूप ( Lot Lakar Nart Dhatu Roop in Sanskrit)

लोट लकार को हिन्दी मे आज्ञावाचक के रूप मे जाना जाता है। यह आज्ञा लेने और देने, प्रार्थना, अनुमति, आशिर्वाद आदि से सम्बन्धित है। इसमे नृत् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष नृत्यतु नृत्यताम् नृत्यन्तु
मध्यम पुरूष नृत्य नृत्यतम् नृत्यत
उत्तम पुरूष नृत्यनि नृत्याव नृत्याम

नृत् धातु के लोट लकार मे वाक्य और उदाहरणं

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः नृत्यतु।
  2. तौ नृत्यताम्।
  3. ते नृत्यन्तु।
  4. त्वं नृत्य।
  5. युवां नृत्यतम्।
  6. युयं नृत्यत।
  7. अहं नृत्यानि।
  8. आवां नृत्याव।
  9. वयं नृत्याम।
  10. सा नृत्यतु।
  11. ते नृत्यताम्।
  12. ता नृत्यन्तु।
  1. वह नाचे।
  2. वें दोनों नाचें।
  3. वे सब नाचेे।
  4. तुम नाचो।
  5. तुम दोनों नाचों।
  6. तुम सब नाचों।
  7. मै नाचूँ।
  8. हम दोनो नाचें।
  9. हम सब नाचें।
  10. वह नाची।
  11. वे दोनों नाची।
  12. वे सब नाची।

विधिलिंङ लकार में नृत् धातु  के रूप (Vidhiling Lakar Nart Dhatu Roop in Sanskrit)

विधिलिंङ लकार चाहिए के अर्थ मे प्रयोग होता है। इसमे नृत् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष नृत्येत नृत्येताम् नृत्येयु:
मध्यम पुरूष नृत्ये: नृत्येतम् नृत्येत
उत्तम पुरूष नृत्येयम् नृत्येव नृत्येम

नृत् के विधिलिङ लकार में वाक्य और उदाहरण-

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः नृत्येत।
  2. तौ नृत्येताम्।
  3. ते नृत्येयु:।
  4. त्वं नृत्ये:।
  5. युवां नृत्येतम्।
  6. वयं नृत्ये।
  7. अहं नृत्येयम्।
  8. आवां नृत्येव।
  9. वयं नृत्येम।
  10. सा नृत्येत।
  11. ते नृत्येताम्।
  12. ता नृत्येयु:।
  1. उसे नाचना चाहिए।
  2. उन दोनों को नाचना चाहिए।
  3. उन सब को नाचना चाहिए।
  4. तुम्हे नाचना चाहिए।
  5. तुम दोनों को नाचना चाहिए।
  6. तुम सब को नाचना चाहिए।
  7. मुझे नाचना चाहिए।
  8. हम दोनों को नाचना चाहिए।
  9. हम सब को नाचना चाहिए।
  10. उसे  नाचना चाहिए।
  11. उन दोनों को नाचना चाहिए।
  12. उन सब को नाचना चाहिए।

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