क्रीड् धातु के रूप | Krid Dhatu Roop in Sanskrit

क्रीड् धातु के रूप | Krid Dhatu Roop in Sanskrit | Krid Dhatu

यह एक भ्वादीगणीय धातु है। संस्कृत में सभी धातुओं को दस गणों मे बाँटा गया है। यह प्रथम गण की धातु है। इस गण की सभी धातुओं के रूप इसी धातु की तरह चलते है। यहाँ  हम आर्टिकल  ‘Krid Dhatu Roop in Sanskrit’ पर प्रकाश डालेंगे।  इस आर्टिकल में पाँच लकारों में क्रीड् धातु के रूप दिये गये है।

क्रीड् धातु का हिन्दी में अर्थ

इस धातु का हिन्दी में अर्थ खेलना (To play) होता है।

लट् लकार मे क्रीड् धातु  के रूप ( Lat Lakar Krid Dhatu Roop in Sanskrit

लट लकार को हिन्दी मे वर्तमान काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे क्रीड् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष क्रीडति क्रीडतः क्रीडन्ति
मध्यम पुरूष क्रीडसि क्रीडथः क्रीडथ
उत्तम पुरूष क्रीडामि क्रीडावः क्रीडामः

क्रीड् धातु के लट् लकार में वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः क्रीडति।
  2. तौ क्रीडतः।
  3. ते क्रीडन्ति।
  4. त्वं क्रीडसि।
  5. युवां क्रीडथः।
  6. युयं क्रीडथ।
  7. अहं क्रीडामि।
  8. आवां क्रीडावः।
  9. वयं क्रीडाम।
  10. सा क्रीडति।
  11. ते क्रीडतः।
  12. ता क्रीडन्ति।
  1. वह खेलता है।
  2. वे दोनों खेलते है।
  3. वे सब खेलते है।
  4. तुम खेलते है।
  5. तुम दोनोंं खेलते है।
  6. तुम सब खेलते है।
  7. मै खेलता हूँ।
  8. हम दोनों खेलते हैं।
  9. हम सब खेलते हैं।
  10. वह खेलती है।
  11. वे दोनों खेलती है।
  12. वे सब खेलती है।

लृट लकार मे क्रीड् धातु के रूप (Lrit Lakar Krid Dhatu Roop in Sanskrit)

लृट लकार को हिन्दी मे भविष्यत् काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे क्रीड् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष क्रीडिष्यति क्रीडिष्यत: क्रीडिष्यन्ति
मध्यम पूरूष क्रीडिष्यसि क्रीडिष्यथ: क्रीडिष्यथ
उत्तम पुरूष क्रीडिष्यामि क्रीडिष्याव: क्रीडिष्याम:

क्रीड् धातु के लृट लकार में वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः क्रीडिष्यति।
  2. तौ क्रीडिष्यत:।
  3. ते क्रीडिष्यन्ति।
  4. त्वं क्रीडिष्यसि।
  5. युवां क्रीडिष्यथ:।
  6. युयं क्रीडिष्यथ।
  7. अहं क्रीडिष्यामि।
  8. आवां क्रीडिष्याव:।
  9. वयं क्रीडिष्याम:।
  10. सा क्रीडिष्यति।
  11. ते क्रीडिष्यत:।
  12. ता क्रीडिष्यन्ति।
  1. वह खेलेगा।
  2. वें दोनो खेलेंगे।
  3. वे सब खेलेंगे।
  4. तुम खेलोगे।
  5. तुम दोनों खेलोंगे।
  6. तुम सब खेलोंगे।
  7. मै खेलूंगा।
  8. हम दोनों खेलेंगे।
  9. हम सब खेलेंगे।
  10. वह खेलेगी।
  11. वे दोनों खेलेंगी।
  12. वे सब खेलेंगी।

लड़ लकार मे क्रीड् धातु  के रूप 

लड़ लकार को हिन्दी मे भूत काल के रूप मे जाना जाता है। इसमे  क्रीड् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष अक्रीडत अक्रीडताम अक्रीडन
मध्यम पुरूष अक्रीडः अक्रीडतम् अक्रीडत्
उत्तम पुरूष अक्रीडाम् अक्रीडाव अक्रीडाम्

क्रीड् धातु के लड़ लकार मे वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः अक्रीडत्।
  2. तौ अक्रीडताम्।
  3. ते अक्रीडन्।
  4. त्वं अक्रीडः।
  5. युवां अक्रीडतम्।
  6. युयं अक्रीडत्।
  7. अहं अक्रीडाम्।
  8. आवां अक्रीडाव।
  9. वयं अक्रीडाम्।
  10. सा अक्रीडत्।
  11. ते अक्रीडताम्।
  12. ता अक्रीडन्।
  1. वह खेला।
  2. वे दोनों खेले।
  3. वे सब खेले।
  4. तुमने खेला।
  5. तुम दोनों ने खेला।
  6. तुम सब ने खेला।
  7. मै खेला।
  8. हम दोनों खेले।
  9. हम सब खेले।
  10. वह खेली।
  11. वें दोनों खेली।
  12. वें सब  खेली।

लोट लकार मे क्रीड् धातु  के रूप ( Lot Lakar Krid Dhatu Roop in Sanskrit

लोट लकार को हिन्दी मे आज्ञावाचक के रूप मे जाना जाता है। यह आज्ञा लेने और देने, प्रार्थना, अनुमति, आशिर्वाद आदि से सम्बन्धित है। इसमे क्रीड् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष क्रीडतु क्रीडताम् क्रीडन्तु
मध्यम पुरूष क्रीड क्रीडतम् क्रीडत
उत्तम पुरूष क्रीडानि क्रीडाव क्रीडाम

क्रीड् धातु के लोट लकार मे वाक्य और उदाहरण

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः क्रीडतु।
  2. तौ क्रीडताम्।
  3. ते क्रीडन्तु।
  4. त्वं क्रीड।
  5. युवां क्रीडतम्।
  6. युयं क्रीडत।
  7. अहं क्रीडानि।
  8. आवां क्रीडाव।
  9. वयं क्रीडाम।
  10. सा क्रीडतु।
  11. ते क्रीडताम्।
  12. ता क्रीडन्तु।
  1. वह खेले।
  2. वें दोनों खेलें।
  3. वे सब खेलें।
  4. तुम खेलो।
  5. तुम दोनों खेलों।
  6. तुम सब खेलों।
  7. मै खेलू।
  8. हम दोनो खेलें।
  9. हम सब खेलें।
  10. वह खेले।
  11. वे दोनों खेलें।
  12. वे सब खेलें।

विधिलिंङ लकार मे क्रीड् धातु  के रूप 

विधिलिंङ लकार चाहिए के अर्थ मे प्रयोग होता है। इसमे क्रीड् धातु के रूप निम्न है-

एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरूष क्रीडेत क्रीडेताम् क्रीडेयु:
मध्यम पुरूष क्रीडे: क्रीडेतम् क्रीडेत
उत्तम पुरूष क्रीडेयम् क्रीडेव क्रीडेम

क्रीड् धातु के विधिलिङ लकार मे वाक्य और उदाहरण-

संस्कृत में वाक्य हिन्दी मेंं अर्थ
  1. सः क्रीडेत।
  2. तौ क्रीडेताम्।
  3. ते क्रीडेयु:।
  4. त्वं क्रीडे:।
  5. युवां क्रीडेतम्।
  6. वयं क्रीडे।
  7. अहं क्रीडेयम्।
  8. आवां क्रीडेव।
  9. वयं क्रीडेम।
  10. सा क्रीडेत।
  11. ते क्रीडेताम्।
  12. ता क्रीडेयु:।
  1. उसे खेलना चाहिए।
  2. उन दोनों को खेलना चाहिए।
  3. उन सब को खेलना चाहिए।
  4. तुम्हे खेलना चाहिए।
  5. तुम दोनों को खेलना चाहिए।
  6. तुम सब को खेलना चाहिए।
  7. मुझे खेलना चाहिए।
  8. हम दोनों को खेलना चाहिए।
  9. हम सब को खेलना चाहिए।
  10. उसे  खेलना चाहिए।
  11. उन दोनों को खेलना चाहिए।
  12. उन सब को खेलना चाहिए।

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