RDSO in hindi

RDSO (in hindi) – यह विश्व में चौथा नेटवर्क रखने वाली भारतीय रेलवे के लिये अनसंधान, विकास तथा मानकीकरण का काम करती है। यह इनसे सम्बन्धित सूचनाओं को रेलवे मंत्रालय, क्षेत्रीय रेल तथा उत्पादन इंकाइयों को भेजती है। इस तरह से RDSO रेल मंत्रालय, क्षेत्रीय रेल तथा उत्पादन इंकाइयों के लिये एक सलाहकार के रूप में काम करता है।

RDSO की full form

The Research Design and Standard Organization

यह भारतीय रेलों में लगनी वाली 621 सामग्रियों के standard को सुनिश्चित करती है तथा इनके approved vender का भी विकास करता है। वेन्डर बेस को बढाने के लिए कई कदम भी उठाये है। रेल इंजन, दूरसंचार उपकरणों, रेल पुर्जों आदि को खरीदने से पहले इनकी जाँच RDSO के engineer के द्वारा की जाती है।

वेंडरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढे और रेल संचालन की लागत घटे, इसके लिये भी RDSO ने कदम उठाये है। वेंडर नामकंन की प्रक्रिया ऑनलाइन तथा आसान और पारदर्शी है। रेलबोर्ड ने गुणवत्ता बढाने के लिए सिविल इजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इजीनियरिंग, मैकेनिकल इजीनियरिंग, सिग्नल और टेलीकॉम आदि विधाओं के लिए गुणवत्ता आश्वासन संगठन का सृजन किया है।

RDSO research and design के लिए International Rail Research and Design तथा IIT संथानों की भी मदद लेता है। इसमे अलग-अलग उपकरणों के लिए अलग-अलग प्रयोगशाला है। RDSO ने बहुत उपलब्धियां हासिल की है जैसै वंदे भारत एक्सप्रेस का रिकार्ड समय में परीक्षण किया गया। Push and Pull Railway Operation को शुरू किया । रेल टकराव प्रणाली का विकास हुआ।

इतिहास RDSO in hindi

भारत में रेलो की शुरूआत 1853 ई. में हुई थी। 1853 ई. से लेकर अब तक रेलवे की बहुत सी कम्पनियों का जन्म हुआ, जिसकी वजह से बहुत सी रेल प्रणालियों का विकास हुआ। इतनी प्रणालियां होने के कारण इनके मानकीकरण तथा इनके मध्य समन्वय की आवश्यकता हुई। इसलिये मानकीकरण तथा इनके मध्य समन्वय स्थापित करने के लिये भारतीय रेल कान्फ्रेंस एसेसियेशन (IRCA) का गठन हुआ। 1930 में डिजाइनों, मानकों एवं विशिष्टियों को तैयार करने के लिये केन्द्रीय मानक कार्यालय (CSO) की स्थापना हुई।

स्वतंत्रता प्राप्ति तक designs and rail-equipment के निर्माण कार्य विदेशी परामर्शदाताओं से कराया जाता था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियों के लिए रेलवे परिवहन की माँग बहुत तेजी से बढी। अत रेलवे विकास में गति लाने एवं मानक तैयार करने के लिए 1952 में रेल परीक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र (ITRC) की स्थापना हुई। वर्ष 1957 में CSO तथा ITRC का विलय करके अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (RDSO) की स्थापना हुई।

संगठन

इसका शीर्ष अधिकारी महानिर्देशक होता है जिसकी सहायता करने के लिए अपर महानिर्देशक, वरिष्ट कार्यकारी निर्देशक तथा कार्यकारी निर्देशक होते है। प्रत्येक अधिकारी एक निर्देशालय का अध्यक्ष होता है। RDSO को सुविधा के लिए विभिन्न निर्देशालयों मे बाटा गया है।

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